हो रहा ये प्रचार है, तू इंसान नहीं अवतार है। संजू बाबा ने मुन्ना भाई में बोला था ‘बोले तो, बेड़ू लोग एक मस्त जादू की झप्पी देने का, सब काम हो जायेगा‘। शायद राहुल गांधी ने भी अपने अटके हुए काम के लिए कई टोटके किये, सारे फार्मूले ट्राई कर लिए, मनमोहन के अर्थशास्त्र से लेकर, दिग्गी के समाजशास्त्र और केजरीवाल के राजनीतिशास्त्र आजमाने के बाद भी जब कोई विशेष सफलता नहीं मिली तो संजू बाबा वाली गांधीगिरी अपनाने का तरीका मन को भा गया। वैसे राहुल जी संजू की हर फिल्म जरूर देखते हैं उनका कहना है ‘‘संजू को लोग बाबा कहकर पुकारते हैं, मुझे भी प्यार से कई लोग बाबा ही कहते हैं तो फिल्म एक बार देखना तो बनता है ना बाबा। फिर मुझे मुन्ना भाई की सबसे अच्छी बात लगी की उसमें गांधीगिरी से काम होता है, अब जबकी मैं तो आॅलरेडी गांधी हूं तो मुझे तो गिरी की जरूरत ही नहीं। जादू की झप्पी का मैं बहुत बड़ा फैन हूं। इसे सीखने में कई वर्ष लगाये हैं तब जाकर मैंने संसद में इसका प्रेक्टिकल किया। और मेरी इस झप्पी परफारमेन्स को मेरे सभी साथियों ने सराहा। सिब्बल साहब और राज बब्बर जी ने तो यहां तक कहा कि ‘ झप्पी देखकर रामाय...