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Showing posts from July, 2017
जी यस, टी प्रधानमंत्री मोदी जी चाय वाले से तरक्की करते करते षिखर पर पहुंच गए हैं पर आज तक अपनी जड़ों को नहीं भूल पाए हैं तभी तो हर मौके पर चाय चरहे अनचाहे चाय का जिक्र हो जाता है। चाहे वह मन की बात हो या फिर विदेश में कोई राजनीतिक मंच वैसे भी आजकल देश या तो चाय पर चर्चा कर रहा है या गाय पर। गाय पर ज्यादा चर्चा हो रही है तो चाय की ओर को भी ध्यान देना जरूरी है। चाय की चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए मोदी जी ने सार्थक कदम उठाया है। कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में जीएसटी लाने का मन बनाया था मगर उस समय भाजपा ने इस जीएसटी बिल का प्रबल विरोध किया था पर सत्ता में आने के बाद मोदी जी को एहसास हुआ कि जीएसटी देश के लिए गलत हो ही नहीं सकता क्योंकि जिसके नाम के साथ चाय या टी जुड़ा हो वो देषके लिए हानिकारक हो ही नहीं सकती। जी एस टी के नाम के अंत में टी अर्थात चाय शब्द जुड़ा है। चाय से जुड़ी हर चीज भारत के लिए फायदेमंद है भारत की अर्थव्यवस्था चाय से होकर जाती है जहां आदमी है सुबह होते ही चाय पीता है बिना चाय के ना उसकी सुबह खुलती है और ना उसका शरीर। बिना चाय और बिना चाय वाले के वर्तमान सामय में भारत के लो...