तुम दिन को अगर रात कहो रात कहेंगे जब उत्तराखण्ड की राज्य सरकारें अपनी वर्तमान कार्यप्रणाली के साथ नशामुक्त उत्तराखण्ड का नारा देती हैं तो उतनी ही हंसी आ जाती है जितनी कभी कभी कपिल शर्मा की कामेडी देखकर आ जाती थी। शराब का विरोध कर रही जनता को पिटवाकर और केस लगवाकर उनके गांवों में जबरन शराब की दुकानें खोलने वाली सरकार ने अपनी छवि साफ करने का निर्णय लिया हैं, पर इससे भी ज्यादा हास्यास्पद बात ये है कि उत्तराखण्ड में नशामुक्ति के ब्राण्ड एम्बेस्डर बनाये जाने के लिए जिन्हे चुना गया है वो हैं अपनी फिल्मों को धुंए और शराब से भर देने वाले संजय दत्त उर्फ संजू बाबा। अगर उनसे ये सरकार शराब का विज्ञापन करवा लेती तो ज्यादा राजस्व हासिल करने में सुविधा होती। भांग की खेती को बढावा देने के सम्बन्ध में भी संजू बाबा का प्रचार काम में लाया जा सकता था परन्तु दुर्भाग्य है कि इस बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति का उत्तराखण्ड सरकार द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है। सही बंदे गलत धंधे के तर्ज पर इस नशामुक्ति अभियान के विज्ञापनों के बाद कितने और नशेड़ी तैयार होंगे इसकी जांच के लिए भी एक कमेटी बनाए दी ज...