पिया हमारे लल्लनटाॅप शादी के बाद से हमारे वो काफी बदल गये हैं। पहले बताया था शराब नहीं पीते हैं, बीड़ी सिगरेट का शौक नहीं है, गुटखा को हाथ भी नहीं लगाते और अच्छा कमा लेते हैं। पर शादी के बाद पता चला कि मोहल्ले में अक्सर पानी की किल्लत रहती है। बाल्टियां हाथ में लिए सरकारी नल के आगे खड़े खड़े रातें बीतती हैं तो पिया जी इस किल्लत को दूर करने के लिए पानी कम मिला कर शराब ज्यादा पी लेते हैं। मोहल्ला ज्यादा बड़ा नहीं है तो पियाजी को ढूंढने में बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती, कभी उनका कोई सखा तो कभी मोहल्ले के केाई भले बच्चे दरवाजे तक घसीट कर देहली पर लिटा जाते हैं वरना तो कभी कभी अपने दम पर भी घर पंहुचते ही हैं। वैसे सही बात है बाड़ी सिगरेट का उन्हे शौक नही है, बल्कि लत है। 2 3 बंडल खतम कर देना शौक नहीं होता जुनून कहलाता है। हमारे इनके लिए तो सारी कायनात एक तरफ बीड़ी चाय एक तरफ। हमारे ये बताते हैं कि ‘हम ...