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रिंकिया के पापा
आज जब रिंकीया के पापा घर आये तो बिना गाना गुनगुनाऐ हुए ही घर के भीतर घुसे हम तो तब ही समझ गये थे कुछ ना कुछ तो हुआ है आज इनके साथ। जब से आये हैं गाल फुलाये बैठे हैं मुंह भी सूज कर लाल सा हो गया है।

देखने भी नहीं देते कहां कहां घाव बने हैं। अब तो बिना गाना गाये 3 घंटे होने को हैं। मेरा तो दिल बैठा जा रहा है। जाने किस की शरारत है, हो ना हो वही मुआ कजरीवाल होगा वरना किसी की मजाल की मोदी जी के होते हुए इनको आंख दिखा दे। वो कफ सिरप का ब्रांड एम्बेसडर, अपना तो रोज थप्पड़ खाते ही रहता है हमारे इनको भी वैसा ही बनाते जा रहा है। हमने तो कई बार इनको समझा दिया है की काहे पड़ेे रहते हो उस सर्दी के बीमार के पीछे। मगर इनको भी उड़ता तीर अपने पर लिए बगैर चैन कहां आता है। उस मफलर ने खुद तो कभी बाथरूम में भी गाना ना गाया होगा वो क्या जाने एक गायक की इज्जत। मोदी जी ने यूंही थोड़े ना दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया होगा हमारे इनकोे। अच्छा खासा गाने बजाने और एक्टिंग का काम चल रहा था पता नहीं किस ने नेतागिरी का उपाय बताया अब खुद बजे बजे फिर रहे हैं। वो हीं हीं हीं हीं हंस देली रिंकीया के पापा वाला गाना भी दरसल हम ही बनाये थे क्या है कि इनकी भोजपूरी फिल्मों में जब ये उड़ उड़ कर अकेले ही 30-40 गुंडों को यूं मार दिया करते थे और अपनी फाइट देख कर ये अकेले में खूब हंसा करते थे तो हम ही गाते थे ये गाना। नाचते गाते दिन गुजर रहे थे, पता नहीं कब ये दिवाली की सोन पापड़ी के डिब्बे की तरह हर किसी के पास जाने की क्या आदत लग गई है इनको, वरना तो, वो सिग्नेचर बिरिज के उद्घाटन में बिना बुलाये घुसने की क्या जरूरत आन पड़ी थी। मोदी जी दूसरा बनवाये देते उद्घाटन के लिए। उ झाड़ू छाप नेता के कार्यक्रम में जायेंगे तो धक्के और थप्पड़ ही पड़ेंगे ना। वो भी तो वही खाता है। ये डरते नहीं है किसी से भी, सुपरीम कोरट से भी नहीं। जब सुपरीम कोर्ट इनको सीलिंग के बारे में डराये रहे तो ये भी एक पन्ना लिख के कोरट में भिजवायेे कि ‘हमही को बनाई दो सीलिंग आफिसर हम देख लेंगे‘। डरते होते तो क्या ऐसा कर पाते, कतई नहीं, उस मफलर वाले को है क्या इतनी हिम्मत। जब ये बिग बाॅस में जाकर डाॅली बिन्द्रा से नही डरे तो ये आप वाले नेता किस खेत की मूली हैं। इस सिगनेचर बिरिज के चक्कर में थोड़ा हाथपाई हो गई वरना अगर ये आज भी अपनी भोजपुरी फिलम ‘दरोगा बाबू आई लव यू‘ चला दें और पुलिस को दिखा दें तो पू0पी0 पुलिस के दरोगा जी इतनी बार मंुह से ठांय ठांय करके गोलियां मारेंगे कि इन नेताओं को दर्द तो होगा पर गोलियों के निशान ढूंढे भी ना मिलेंगे। एक एक धक्के का जवाब एक एक ठांय होगा। फिर पता चलेगा इनको तिवारी जी क्या चीज हैं। खुद मोदी जी भी एक दिन कह रहे थे कि ‘तिवारी नाम सुन के ही ऐसा फील आ जाता है जैसे आस पड़ोस के आदमी हों, क्योंकी अमूमन हमारे सवा सौ करोड़ भारतीयों में से सबके पड़ोस में कोई ना कोई तिवारी तो होता ही है। अगर हमारे पास शत्रुघ्न सिन्हा जैसा बगावती हीरो है तो हमें मनोज तिवारी जैसे भक्त भोजपुरी हीरो की प्रबल आवष्यकता है।‘ दशहरे में रामलीला देखने के बाद से ही ये पिछले कुछ दिनों से कहते जा रहे थे ‘मोदी जी राम, मैं हनुमान, सी एम रावण।‘ शायद यही सोच कर ये सिगनेचर ब्रिज के उद्घाटन को रावण दरबार समझ कर और खुद को रामदूत हनुमान समझ कर घुस गये। आज ट्वीट किये हैं कि ‘दिल्ली में प्रदूषण फैला के सीएम खुद परिवार के साथ विदेश चले हैं। ये सब षड़यंत्र का हिस्सा है, हम सब समझ गये हंै।‘ हमारी समझ में तो नहीं आया अभी तक, उठ जायेंगे तो पूछ के आप को भी बता देंगे हम।
अच्छा, लगता है उठ गये हैं, कराहने की आवाज सी आ रही है चलो मैं भी थोड़ा सेंक लगा दूं। यूं कि ‘चट देनी मार देली खींच के तमाचा, जाने कब हंसेंगे अब रिंकीया के पापा।‘

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